TET Exam 2025 : शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) को लेकर 2025 में एक बड़ा अपडेट सामने आया है। सुप्रीम कोर्ट ने कक्षा 1 से 8 तक के शिक्षक पदों के लिए TET पास होना अनिवार्य कर दिया है। इस फैसले के बाद उन शिक्षकों में चिंता की लहर दौड़ गई है, जो अब तक TET पास नहीं कर सके हैं।
शिक्षक संगठनों का कहना है कि इस निर्णय से पांच अलग-अलग श्रेणियों के शिक्षक अब इस पात्रता परीक्षा के लिए आवेदन करने से वंचित रह जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश अब हजारों शिक्षकों के लिए संकट बन गया है, जो पहले से ही स्कूलों में नियुक्त हैं लेकिन TET क्वालिफाई नहीं कर पाए हैं।
2000 से पहले नियुक्त शिक्षक होंगे सबसे अधिक प्रभावित
यह फैसला उन शिक्षकों के लिए सबसे ज्यादा परेशानी लेकर आया है, जो वर्ष 2000 से पहले विभिन्न प्रकार की शैक्षणिक योग्यताओं के आधार पर नियुक्त किए गए थे।
इनमें शामिल हैं:
- B.Ed धारक शिक्षक
- विशिष्ट BTC (Basic Training Certificate)
- कम अंकों वाले स्नातक
- Diploma in Physical Education
- Bachelor of Physical Education
अब इन श्रेणियों के शिक्षकों को TET देने का मौका ही नहीं मिलेगा, क्योंकि वे न्यूनतम पात्रता को पूरा नहीं करते।
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शिक्षक संगठन फिर से दायर करेंगे याचिका
उत्तर प्रदेश के शिक्षक संगठनों ने मिलकर एक संयुक्त मोर्चा बनाने का निर्णय लिया है। उनका कहना है कि वे सुप्रीम कोर्ट में दोबारा याचिका दाखिल करेंगे ताकि इन शिक्षकों को राहत मिल सके।
शिक्षक संगठनों का कहना है कि बहुत से ऐसे शिक्षक हैं जो न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता के अभाव में TET परीक्षा में शामिल नहीं हो सकते। इसके अलावा कुछ शिक्षक ऐसे भी हैं जिनके पास स्नातक की डिग्री तो है, लेकिन उसमें 45% से कम अंक हैं, जिससे वे पात्र नहीं माने जाएंगे।
इन संगठनों का अनुमान है कि इस फैसले से लगभग 50,000 से अधिक शिक्षक प्रभावित हो सकते हैं जो अब TET में बैठने की पात्रता भी नहीं रखते।
सरकार से हस्तक्षेप की मांग
सभी शिक्षक संगठनों ने राज्य सरकार से इस मुद्दे में हस्तक्षेप करने की अपील की है। उनका कहना है कि इस आदेश ने वर्षों से शिक्षण कार्य कर रहे शिक्षकों को एकदम से अयोग्य बना दिया है।
TET के लिए न्यूनतम योग्यता:
- स्नातक डिग्री
- BTC या समकक्ष शिक्षण प्रशिक्षण
- स्नातक में कम से कम 45% अंक
यह शर्तें बड़ी संख्या में शिक्षकों को बाहर कर देती हैं, विशेष रूप से वे जो पुराने समय में नियुक्त किए गए थे जब नियम इतने सख्त नहीं थे।
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इन शिक्षकों ने जताई गहरी चिंता
जिन पांच श्रेणियों के शिक्षक इस नए नियम से प्रभावित हुए हैं, उन्होंने इसे अपने भविष्य के लिए गंभीर खतरा बताया है।
इनमें से कई शिक्षक ऐसे हैं जिन्होंने वर्षों तक बच्चों को पढ़ाया है, लेकिन अब वे TET की न्यूनतम योग्यता भी पूरी नहीं करते। खासकर जिनके स्नातक में 45% से कम अंक हैं या BTC जैसी प्रशिक्षण डिग्री नहीं है – उनका TET परीक्षा में बैठना भी संभव नहीं रह गया है।
इन शिक्षकों का कहना है कि अब उनकी नौकरी भी खतरे में है, और सरकार को इसमें हस्तक्षेप करना ही होगा। अगर कोई राहत नहीं मिली, तो उनके पास नौकरी छोड़ने या कानूनी संघर्ष के अलावा कोई विकल्प नहीं रहेगा।
आगे क्या होगा?
अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या सरकार या सुप्रीम कोर्ट इन शिक्षकों के लिए कोई राहत भरा विकल्प सामने लाते हैं या नहीं।
अगर राहत नहीं मिलती, तो यह आदेश ना सिर्फ हजारों शिक्षकों की नौकरी को प्रभावित करेगा, बल्कि देशभर में शिक्षण व्यवस्था पर भी असर डाल सकता है।
TET 2025 से जुड़े इस बड़े फैसले ने शिक्षा जगत में हलचल मचा दी है। पुराने नियमों के तहत नियुक्त शिक्षकों के सामने अब नया संकट खड़ा हो गया है। शिक्षक संगठनों की याचिका और सरकार की प्रतिक्रिया यह तय करेगी कि भविष्य में इन शिक्षकों की रोजी-रोटी सुरक्षित रहेगी या नहीं।
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